“अपनी आत्मकथा में लिखा...उस रात मुझे अपराध बोध हुआ...मैं इतना बड़ा आईएएस अधिकारी बन गया पर छोटी से बात जो अनपढ़ बच्चा समझ गया वो मेरे दिमाग में नहीं आया...
“शिक्षा से सब कुछ नहीं मिलता, संस्कार भी आपको जीना सिखाते हैं।